भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं के सामने दुकानदार ने क्यों जोड़े हाथ…

भारत बंद के चलते भीम आर्मी के कार्यकर्ता बंद कराने पहुंचे तो दुकानदारों ने बंद करने से किया इनकार, कुछ जगह दुकानों को शटर बंद किए , बंद का खास असर नहीं दिखा

उज्जैन। भीम आर्मी द्वारा भारत बंद के तहत रविवार को शहर की दुकान बंद कराने पहुंचे तो कई दुकानदारों ने इसका विरोध किया। फ्रीगंज में एक दुकानदार के पास भीम आर्मी के कार्यकर्ता पहुंचे तो उसने हाथ जोड़कर कहा कि मैं भी बुद्ध को मानने वाला हूं। दुकान बंद कर दूंगा तो मुझे नुकसान होगा। आप एक हजार रुपए दे दो, मैं अभी दुकान बंद कर दूंगा। कार्यकर्ताओं ने दो घंटे के लिए बंद करने को कहा तो दुकानदार ने इससे भी मना कर दिया। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद कार्यकर्ता आगे बढ़ गए। हालांकि कुछ जगह अप्रिय स्थिति की आशंका में व्यापारियों ने दुकानों के शटर बंद किए लेकिन थोड़ी देर बाद फिर दुकानें खोल ली। शहर में बंद का असर नहीं दिखाई दिया।

आरक्षण को मौलिक अधिकार से हटाने, सीएए व एनपीआर के विरोध में भीम आर्मी द्वारा भारत बंद का आह़वान किया था। सुबह ९ बजे के करीब कार्यकर्ता टॉवर चौक पर एकत्र हो गए थे। यहां से डीजे गाड़ी के साथ रैली के रूप में कार्यकर्ता शहर में निकले। जिस रास्ते से रैली निकली वहां पर कार्यकर्ता खुली दुकान देखकर बंद कराने पहुंचे। लेकिन कार्यकर्ताओं के बंद के निवेदन को दुकानदारों ने मना कर दिया। कुछ दुकानदारों का कहना था कि हमें तो बंद की जानकारी ही नहीं । फ्रीगंज में ही कुछ दुकानों पर बंद को लेेकर विवाद की स्थिति भी बनी लेकिन पुलिस ने स्थिति संभालते हुए कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ा दिया। पुलिस का कहना था किसी के जबर्दस्ती दुकान बंद नहीं कराए। कार्यकर्ताओं को देखकर कुछ दुकानदारों अपनी दुकान के शटर गिराए। जैसे ही रैली आगे बढ़ी तो फिर से दुकान खोल ली। यह स्थिति देवासगेट, मालीपुरा, दौलतगंज सहित अन्य क्षेत्रों में रही। ऐसे में बंद का कोई खास असर शहर में नहीं दिखा।

जिनकी दुकान खुली उनसे मत खरीदना सामान

रैली के दौरान डीजे पर भारत बंद में व्यापरियों का समर्थन भी मांगा जा रहा था। इस दौरान कुछ दुकाने खुली होने पर कार्यकर्ताओं को कहा गया कि इन दुकानों के फोटो खीच लो, बाद में यहां से कोई सामान नहीं खरीदना।

 

महापौर से समर्थन मांगने धरने पर बैठे

भीम आर्मी की रैली जब महापौर बंगले के सामने से गुजरी तो यहां पर कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर महापौर मीना जोनवाल को बुलाने को कहा। कार्यकर्ताओं को कहना था कि उन्हें हमारा समर्थन करना चाहिए। जब महापौर नहीं आई तो कार्यकर्ता सड़क पर बैठक गए और प्रदर्शन करते रहे। बाद में पुलिस के समझाने पर आगे बढ़ गए।

सख्त सुरक्षा इंतजाम, दौड़ती रही पुलिस

भीम आर्मी के रैली को देखते हुए पुलिस ने सख्त सुरक्षा इंतजाम किए थे। करीब ५० से अधिक पुलिस जवानों को तैनात किया गया था। इन जवानों ने अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी ड्रेस पहन रखी थी। हालत यह थे कि कार्यकर्ता जिस दुकान को बंद कराने पहुंचत पुलिस सामने आकर खड़ी हो जाती। कई दफे कार्यकर्ताओं के अलग-अलग गुटों के दुकान बंद कराने के चलते पुलिस इनके पीछे दौड़ती रही।

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